जैसा कि हम सब जानते हैं, कि कीटों का खत्मा करने के लिए किसान खेतों में कीटनाशक का इस्तेमाल किया करते है। साथ ही, इसकी पैकेट पर प्रदर्शित रंगों से इसकी तीव्रता का पता चल जाता है। इनमें लाल रंग सर्वाधिक तीव्रता वाला होता है।
खेती से उत्तम उत्पादन पाने के लिए जितनी आवश्यक मृदा है, उतनी ही आवश्यक जलवायु भी होती है। बीज का उत्तम होना भी काफी महत्वपूर्ण होता है।
साथ ही, फसल का कीटों से संरक्षण करने के लिए उत्तम कीटनाशक का चुनाव अत्यंत आवश्यक होता है। बाजार में सैंकड़ों की तादात में कीटनाशक विघमान होते हैं। इनका समुचित चयन काफी जरूरी होता है। परंतु, कौन सा कीटनाशक बेहतरीन ढंग से कार्य करता है। इसका चयन किस प्रकार से किया जाए। कहा जाता है, कि कीटनाशकों के ज्यादा खतरनाक होने की जानकारी रंगोें के जरिए से भी की जा सकती है। यह रंग कीटनाशकों के पैकेट पर भी लगा हुआ होता है।
किस कीटनाशक से कितना खतरनाक
लाल रंग निशान वाले कीटनाशक सबसे खतरनाक होते हैं
लाल रंग खतरे का निशान माना जाता है। रंगों के संबंध में भी कुछ ऐसा ही है। लाल रंग जहर की तीव्रता को नापने वाले पैमाने पर सबसे ज्यादा होता है। अब अगर किसी कीटनाशक के पैकेट के पीछे लाल रंग का लोगो है, तो यह सबसे तीव्र कीटनाशक रसायन के रूप में माना जाता है।
पीला रंग दूसरे स्तर पर खतरनाक कीटनाशक माना जाता है
लाल रंग के उपरांत पीले रंग को खतरनाक स्तर के मामले में दूसरे स्तर का कीटनाशक माना जाता है। खेत में इसका कितना इस्तेमाल किए जाना चाहिए। इसके पैकेट पर लिखा हुआ होता है। हालांकि, कृषि विशेषज्ञों से इसकी सलाह भी ली जा सकती है।
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नीला रंग वाले मध्यम स्तर की तीव्रता रखते हैं
कीटनाशक के पैकेट का रंग यदि नीला होता है। उसकी तीव्रता मध्यम स्तर पर होती है। मतलब साफ है, कि यह लाल एवं पीले रंग से कुछ कम खतरनाक होता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. विवेक राज का कहना है, कि हर फसल में भिन्न-भिन्न प्रकार के कीट लगते हैं। उनकी तीव्रता भी ज्यादा और कम हो सकती है। इसी तीव्रता के आधार पर किसानों को कीटनाशक इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा है, कि कोई भी किसान खेत में कीटनाशक इस्तेमाल करने से पूर्व कृषि एक्सपर्ट से सलाह जरूर प्राप्त करे।
हरा रंग वाले कीटनाशकों में न्यूनतम स्तर की तीव्रता होती है
जिस पैकेट का रंग हरा होता है, उसकी तीव्रता न्यूनतम होती है। ऐसे मेें खेती मेें कम कीटनाशक होने अथवा फिर कीटनाशक के खतरे को देखते हुए इस प्रकार के कीटनाशकों के उपयोग की सलाह प्रदान की जाती है। अधिकांश किसानों को कीटनाशकों के खतरनाक होने के स्तर की जानकारी नहीं होती है। इसके चलते उनके साथ दुर्घटना होने की संभावना भी होती है।